Skip to main content

Posts

Showing posts from July, 2020

शीर्षासन के फायदे [Benefits Of Shirshasana]

शीर्षासन क्या है।[What is Shirshasana]   शीर्षासन संस्कृत के दो शब्दों शीर्ष और आसन से मिलकर बना है। जहां शीर्ष का अर्थ सिर (Head) और आसन  का अर्थ मुद्रा (Pose) है। शीर्षासन एक योग है जिसे हम सिर को नीचे जमीन पर रख कर अपने पैरो को ऊपर की  तरफ करके करते है। यह हठयोग (hatha yoga) का एक अत्यंत प्रसिद्ध आसन है, जिसे 'शीर्षासन' (Shirshasana ) के नाम से जाना जाता है।                                                                                                                                                                                                                          shirshasana   शीर्षासन करने का तरीका[Shirshasana Karne ka Trika] 1   इस आसन को सुबह मे खाली पेट कर चाहिये। जिससे इस आसन का फायदा ठीक से उठा पाओ। 2   पहले हम वज्रासन मुद्रा में घुटनों पर बैठ जायेगें।और अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस मे मिला लेंगे।  तथा अपने हाथो को जमीन पर किसी मुलायम कपडे पर या चटाई पर रखें। 3   हाथों की अंगुलियों को आपस मे मिलाने के बाद हथेली को कटोरी के आकार में मोड़ें और धीरे से अपन

ध्यान के फायदे (Benefits of Meditation)

ध्यान क्या है  (What is Meditation?)   योग का जो आठवा अंग होता है वो ध्यान (Meditation?) होता है ए क मात्र ध्यान ही ऐसा  योग है जिसे  साधने से  सभी स्वत: ही सधने लगते हैं, लेकिन योग के अन्य अंगों पर यह नियम लागू नहीं होता।    Meditation ध्यान की परिभाषा [Definition of Meditation]  तत्र प्रत्ययैकतानता ध्यानम। ।-योगसूत्र अर्थात- जहां चित्त को लगाया जाए उसी में वृत्ति का एकतार चलना ध्यान है।                 बहुत से लोग क्रियाओं को ध्यान समझने की भूल करते हैं- जैसे  भावातीत ध्यान क्रिया । तथा  विधि को भी ध्यान समझने की भूल की जा रही है। में आपको बता दू की  आंख बंद करके बैठ जाना भी ध्यान नहीं है। किसी मूर्ति का स्मरण करना भी ध्यान नहीं है। माला जपना भी ध्यान नहीं है। अक्सर यह कहा जाता है कि पांच मिनट के लिए ईश्वर का ध्यान करो- यह भी ध्यान नहीं, ये सब स्मरण है। ध्यान हम क्रियाओं से मुक्ति। तथा विचारों से मुक्त होने को कहते है। ध्यान करने के जबरदस्त फायदे [Benefits of Meditation in Hindi]       ध्यान करने से शरीर अंदर से या हम कह सकते है की आंतरिक क्रियाओं में विशेष परिवर्तन होते है तथा शरीर

योग के प्रकार ( Types of YOGA in hindi)

योग क्या है ? (What is YOGA ?)               योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द ‘युज’ से हुई है, जिसका अर्थ जुड़ना है। योग के मूल रूप से दो अर्थ माने गए हैं, पहला- जुड़ना और दूसरा-समाधि। जब तक हम स्वयं से नहीं जुड़ पाते, तब तक समाधि के स्तर को प्राप्त करना मुश्किल होता है। यह सिर्फ व्यायाम भर नहीं है, बल्कि विज्ञान पर आधारित शारीरिक क्रिया है। इसमें मस्तिष्क, शरीर और आत्मा का एक-दूसरे से मिलन होता है। साथ ही मानव और प्रकृति के बीच एक सामंजस्य कायम होता है। यह जीवन को सही प्रकार से जीने का एक मार्ग है।  >  योग के बारे में हम आपके साथ  कुछ बिशेषज्ञो के कहे गए शब्द साझा कर रहे है |               " चित्तवृत्तिनिरोध: यानी चित्त की वृत्तियों को चंचल होने से रोकना ही योग है। आसान भाषा में कहें तो मन को भटकने न देना और एक जगह स्थिर रखना ही योग है।" = पतंजलि               "   जब आप पूरे शरीर को ठीक से थामना सीख जाते हैं, तो आप पूरे ब्रह्मांड की ऊर्जा को अपने अंदर महसूस कर सकते हैं। यही योग है।" = सद्गुरु जग्गी वासुदेव