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योग के प्रकार ( Types of YOGA in hindi)

योग क्या है ? (What is YOGA?)

              योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द ‘युज’ से हुई है, जिसका अर्थ जुड़ना है। योग के मूल रूप से दो अर्थ माने गए हैं, पहला- जुड़ना और दूसरा-समाधि। जब तक हम स्वयं से नहीं जुड़ पाते, तब तक समाधि के स्तर को प्राप्त करना मुश्किल होता है। यह सिर्फ व्यायाम भर नहीं है, बल्कि विज्ञान पर आधारित शारीरिक क्रिया है। इसमें मस्तिष्क, शरीर और आत्मा का एक-दूसरे से मिलन होता है। साथ ही मानव और प्रकृति के बीच एक सामंजस्य कायम होता है। यह जीवन को सही प्रकार से जीने का एक मार्ग है।

 > योग के बारे में हम आपके साथ  कुछ बिशेषज्ञो के कहे गए शब्द साझा कर रहे है | 
             "चित्तवृत्तिनिरोध: यानी चित्त की वृत्तियों को चंचल होने से रोकना ही योग है। आसान भाषा में कहें तो मन को भटकने न देना और एक जगह स्थिर रखना ही योग है।" = पतंजलि
             " जब आप पूरे शरीर को ठीक से थामना सीख जाते हैं, तो आप पूरे ब्रह्मांड की ऊर्जा को अपने अंदर महसूस कर सकते हैं। यही योग है।" = सद्गुरु जग्गी वासुदेव 


                                     


 योग के प्रकार (Types of Yoga in Hindi.)
   1. राज योग
    2. कर्म योग
    3. ज्ञान योग
    4. हठ योग
    5. भक्ति योग
    6. कुंडलिनी/लय योग

   1. राज योग : 
                      यह ऐसी साधना है, जिसे हर कोई कर सकता है। महर्षि पतंजलि ने इसका नाम अष्टांग योग रखा है और योग सूत्र में इसका विस्तार से उल्लेख किया है।योग की सबसे अंतिम अवस्था समाधि को ही राजयोग कहा गया है। इसे सभी योगों का राजा माना गया है, क्योंकि इसमें सभी प्रकार के योगों की कोई न कोई खासियत जरूर है। इसमें रोजमर्रा की जिंदगी से कुछ समय निकालकर आत्म-निरीक्षण किया जाता है।इसके आठ प्रकार हैं जो इस प्रकार हैं :
     1  समाधि (बंधनों से मुक्ति या परमात्मा से मिलन)
     2  यम (शपथ लेना) 
     3  नियम (आत्म अनुशासन
     4  प्राणायाम (श्वास नियंत्रण)
     5  प्रत्याहार (इंद्रियों का नियंत्रण)
     6  धारणा (एकाग्रता)
     7  ध्यान (मेडिटेशन)
     8  आसन (मुद्रा)

     2 कर्म योग :
                गृहस्थ लोगों के लिए यह योग सबसे उपयुक्त माना गया है। कर्म योग को हम इस श्लोक के माध्यम से समझते हैं। योगा कर्मो किशलयाम यानी कर्म में लीन होना।कर्म योग के जरिए मनुष्य किसी मोह-माया में फंसे बिना सांसारिक कार्य करता जाता है और अंत में परमेश्वर में लीन हो जाता है। श्रीकृष्ण ने भी गीता में कहा है ‘योग: कर्मसु कौशलम्’ यानी कुशलतापूर्वक काम करना ही योग है। कर्म योग का सिद्धांत है कि हम वर्तमान में जो कुछ भी अनुभव करते हैं, वो हमारे पूर्व कर्मों पर आधारित होता है।

   3 ज्ञान योग :
                  इसके जरिए मन के अंधकार यानी अज्ञान को दूर किया जाता है।यह ज्ञान और स्वयं से परिचय करने का जरिया है।चिंतन करते हुए शुद्ध स्वरूप को प्राप्त कर लेना ही ज्ञान योग कहलाता है।ज्ञान योग को सबसे कठिन माना गया है। ज्ञान योग को बुद्धि का मार्ग माना गया है।

   4 हठ योग :
                 हठ में ह का अर्थ हकार यानी दाई नासिका स्वर, जिसे पिंगला नाड़ी करते हैं। वहीं, ठ का अर्थ ठकार यानी बाईं नासिका स्वर, जिसे इड़ा नाड़ी कहते हैं, जबकि योग दोनों को जोड़ने का काम करता है।कि प्राचीन काल में ऋषि-मुनि हठ योग किया करते थे। इसे करने से आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं और मानसिक रूप से शांति मिलती है।

   5 भक्ति योग :
                भक्ति का अर्थ दिव्य प्रेम और योग का अर्थ जुड़ना है।भक्ति योग किसी भी उम्र, धर्म, राष्ट्र, निर्धन व अमीर व्यक्ति कर सकता है।जब हम किसी को अपना ईश्वर मानकर उसकी पूजा करता है, बस उसी पूजा को भक्ति योग कहा गया है।

   6. कुंडलिनी/लय योग :
                इस योग से कुण्डिलिनी योग ऊर्जा को जाग्रत किया जाता है कुण्डलिनी ऊर्जा रीढ़ में होती है इस योग को रोजाना करने से शरीर को लाफ मिलता है इस प्रकार के अभ्यास से मन की चंचलता खत्म होती है और एकाग्रता बढ़ती है।

 योगासन के नियम – (Rules of Yoga in Hindi)


 योग करने से पहले हमें कुछ बातों (नियम) का ध्यान रखना बहुत है जैसे 

       1  सुबह जल्दी उठकर योग करना अधिक फायदेमंद होता है। इसीलिए हमें योग को सूर्योदय               से पहले और सूर्यास्त के बाद करना चाहिए। 
       2  योगासन से पहले हल्का वॉर्मअप करना जरूरी है, ताकि शरीर खुल जाए जिससे योगासन                करने में ज्यादा लाभ मिलेगा | 
       जो पहली बार योग कर रहे है उन्हें योग प्रशिक्षक की देख रेख में ही योग करना चाइये जब               योग के बारे में जानकारी हो जाये तब आप खुद से योग करना आरम्भ कर सकते है | 
       योगासन सुबह में खाली पेट करना चाहिए।
       5  हमेशा आरामदायक कपड़े पहनकर ही योग करना चाहिए।
        योग करते समय अपने मन को शांत रखे | 
       7  योग करते समय ठंडा पानी न पिए पानी को हल्का गुनगुना करे या साधारण पानी पिए | 


योग के लिए आवश्यक चीजें (Things Required for Yoga in Hindi)

योगासन करते समय हमारे लिए जरुरी चीजे:

    1  योग करते समय हमें एक मैट की जरुरत होती है मैट वही ले जो आरामदायक हो
    2  योग करते समय कपडे आरामदायक होने चाइये 
    3  योग करते समय अपने साथ पानी जरूर रखे और ठंडा पानी बिलकुल भी न रखे पानी हल्का            गुनगुना या फिर साधारण रखे 
    4  योग करने वाला स्थान साफ़ होना चाइये 

 योगासन के फायदे (Benifits of Yoga in Hindi)

प्रतिरोधक क्षमता :
                 बीमारियों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का बेहतर होना जरूरी है। आप चाहे स्वस्थ हैं या नहीं हैं, दोनों ही स्थिति में योग करना हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है योग करने से हमारी रोग प्रतिरोधक छमता बढ़ती है 

कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करे :
                             योग करने से शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। इससे नसों में रक्त का थक्के नहीं बन पाते और अतिरिक्त चर्बी भी साफ हो जाती है। LDL   यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को खत्म करता है। तथा योग HDL  यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है योग के साथ साथ हमें अपना खानपान भी सुधारना पड़ेगा

ह्रदय रोग से बचाव :       
                           असंतुलित खानपान तनाव का सीधा असर आपके ह्रदय पर होता है। आगे चलकर ह्रदय से जुड़ी कई बीमारियां हो जाती हैं। योग करने से हम अपनी ह्रदय की बीमारियों को ठीक कर  सकते है हमें नियमित योग करना चाहिए और अपने खानपान को सुधारना चाहिए जिससे अपना ह्रदय स्वस्थ रहेगा 

अस्थमा :
                        अस्थमा रोग एक घातक बीमारी है जिसके हो जाने पर श्वास नली सिकुड़ जाती है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। और हम धुल मिटटी वाली जगह पर नहीं जा सकते  हमारा दम घुटने लगता है इससे छुटकारा पाने के लिए हमें रोजाना योग करना चाहिए जिससे हमारा स्वास्थ ठीक रहता है तथा घातक बीमारियों से भी बचाता है योग के साथ साथ हमे अपने खानपान पर भी ध्यान देना चाहिए| 

5 माइग्रेन :   
                अगर माइग्रेन का मरीज योग करता है, तो उसे सिर में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है। योग मांसपेशियों में आए खिंचाव को कम करता है और सिर तक पर्याप्त में ऑक्सीजन पहुंचती है, जिससे माइग्रेन में राहत मिलती है।

6 कब्ज :
              यह ऐसी बीमारी है जिससे अन्य बीमारी जन्म लेती है  पाचन तंत्र में समस्या आने पर कब्ज होती है। इसे ठीक करने के लिए योग सबसे बेहतर उपाए है योग के जरिए कब्ज जड़ से खत्म हो सकती है। योग आपके पाचन तंत्र को ठीक करता है जिससे कब्ज ठीक हो जाती है और अन्य बीमारियों का पनपना भी बंद हो जाता है और आप तरोताजा महसूस करते है 


योगा से होगा [YOGA SE HOGA]

दोस्तों हमारी ये जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके हमें जरूर बताये जिससे हम आपके लिए और भी अच्छी जानकारी लाते रहे आपके एक कमेंट से हमें प्रेरणा मिलेगी जिससे हम ऐसे ही आपके लिए जानकारी लाते रहेंगे धन्यबाद | 

            

















































                                                                    


















                                                           

                                                                     




                                                                 

















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